
लोगों से कनेक्शन बनाना – सुनने में तो आसान लगता है, लेकिन सच बताऊँ, कई बार ऐसा करते वक्त हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते हैं। नया इंसान हो, ऑफिस का कलीग हो, या कोई पार्टी में मिले – मन में एक डर सा लगता है, “क्या सोचेगा? अगर कुछ गलत बोल दिया तो?” मैं भी पहले ऐसा ही था। एक बार कॉलेज में एक लड़के से दोस्ती करने की कोशिश की, लेकिन इतना डर रहा कि “हाय” बोलते वक्त मेरी आवाज़ काँप गई। वो हँस पड़ा और बोला, “अरे, इतना घबराने की क्या बात है?” तब मुझे लगा कि डर को छोड़ना पड़ेगा, वरना कनेक्शन कैसे बनेगा?
अच्छी बात ये है कि लोगों से कनेक्शन बनाना कोई जन्मजात टैलेंट नहीं है – ये एक स्किल है, जो सीखी जा सकती है। आज मैं तुम्हें 7 ऐसे तरीके बताऊँगा, जिनसे तू बिना डरे किसी से भी कनेक्शन बना सकता है। ये तरीके मेरे अपने अनुभव और थोड़ी सी प्रैक्टिस से निकले हैं। कुछ मज़ेदार और यूनिक टिप्स भी डालूँगा, तो चलो, डर को दरवाज़े पे छोड़कर शुरू करते हैं!
1) छोटी शुरुआत करो – डर को धीरे-धीरे भगाओ

कनेक्शन बनाने का सबसे आसान तरीका है – छोटे कदम से शुरू करना। तुझे किसी से लंबी बातचीत करने की ज़रूरत नहीं है, बस एक छोटी सी शुरुआत काफी है। मैंने अपने ऑफिस में एक कलीग से बात शुरू करने के लिए सिर्फ इतना कहा, “आज मौसम बड़ा अच्छा है ना?” उसने हाँ बोला, और फिर धीरे-धीरे बात आगे बढ़ गई।
पहले दिन बस “हाय” बोलो, या “कैसा चल रहा है?” पूछो। इससे ना तुझे ज़्यादा डर लगेगा, ना कुछ गलत होने का चांस रहेगा। धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस अपने आप बढ़ेगा।
ट्राई करो: आज किसी से सिर्फ एक लाइन बोलो – “आज दिन अच्छा है ना?” फिर देखो वो कैसे रिस्पॉन्ड करता है।
2) स्माइल करो – ये डर का काट है

स्माइल एक ऐसा हथियार है जो डर को पल में गायब कर देता है। लोग मुस्कुराते चेहरे को पसंद करते हैं, और इससे तेरा डर भी कम होता है। एक बार मैं एक पार्टी में था, और वहाँ सब अनजान थे। मैंने बस एक लड़के को देखकर स्माइल की, वो भी मुस्कुराया और बोला, “तुम यहाँ अकेले आए हो?” बस, बात शुरू हो गई।
स्माइल करने से तू अप्रोचेबल लगता है, और सामने वाला भी रिलैक्स फील करता है। डर हो तो बस होंठों को हल्का सा मोड़ दो – ये छोटी सी चीज़ बड़े कमाल करती है।
ट्राई करो: अगली बार किसी से मिलते वक्त पहले स्माइल करो, फिर “हाय” बोलो। देखो कितना आसान लगता है।
3) उनकी बात सुनो – सच में सुनो

लोगों से कनेक्शन बनाने का सबसे बड़ा सीक्रेट है – उनकी बात सुनना। जब तू ध्यान से सुनता है, तो सामने वाले को लगता है कि तुझे उनकी परवाह है। मैंने एक बार अपने पड़ोसी से बात शुरू की। उसने बताया कि उसे गार्डनिंग पसंद है। मैंने सिर्फ सुना और बीच में पूछा, “वाह, तुम्हारा फेवरेट प्लांट कौन सा है?” वो इतना खुश हुआ कि 10 मिनट तक मुझे प्लांट्स की कहानी सुनाता रहा।
सुनने से तेरा डर कम होता है, क्यूँकि बोलने का प्रेशर कम हो जाता है। साथ ही, सामने वाला कनेक्ट फील करता है।
ट्राई करो: किसी से बात करते वक्त उनकी एक बात पे ध्यान दो और उससे जुड़ा सवाल पूछो। जैसे, “वो कैसे हुआ?”
4) कुछ कॉमन ढूंढो – कनेक्शन का शॉर्टकट

लोगों से कनेक्शन तब आसान हो जाता है जब तुम्हें कुछ कॉमन मिल जाए। ये कोई भी चीज़ हो सकती है – हॉबी, फेवरेट मूवी, या यहाँ तक कि मौसम की बात। एक बार मैं बस में था, और बगल वाले लड़के के फोन पर एक गाना चल रहा था। मैंने कहा, “अरे, ये गाना तो मेरा भी फेवरेट है!” बस, 10 मिनट तक हम गानों पे बात करते रहे।
कॉमन चीज़ ढूंढने से डर कम होता है, क्यूँकि बात अपने आप आगे बढ़ती है। आसपास देखो, कुछ ऐसा ढूंढो जो तुम दोनों को जोड़े।
ट्राई करो: अगली बार किसी से पूछो, “तुम्हें मूवीज़ पसंद हैं? कौन सी फेवरेट है?” फिर उससे बात बढ़ाओ।
5) थोड़ा मज़ाक डालो – माहौल हल्का करो

मज़ाक कनेक्शन बनाने का मज़ेदार तरीका है, और ये डर को भी भगा देता है। लेकिन हल्का-फुल्का मज़ाक ही करो। एक बार मैं अपने कज़न से मिला, और उसने कहा कि वो जिम जा रहा है। मैंने बोला, “हाँ, तेरा बाइसेप तो अब ट्रक उठा लेगा!” वो हँस पड़ा और बोला, “अरे, अभी तो साइकिल भी मुश्किल है!” बस, हमारी बात मज़ेदार बन गई।
मज़ाक से तू रिलैक्स लगता है, और सामने वाला भी खुलकर बात करता है। डर हो तो पहले स्माइल करो, फिर कुछ लाइट बोलो।
ट्राई करो: किसी से बात करते वक्त बोलो, “तू तो इतना बिज़ी है, PM से भी ज़्यादा!” फिर हँस पड़ो।
6) एक यूनिक ट्रिक – “मिरर मैजिक”

अब ये मेरा एक स्पेशल तरीका है, जो मैंने ट्राई किया और कमाल लगा। इसे मैं “मिरर मैजिक” कहता हूँ। जब किसी से बात करो, तो उनकी बॉडी लैंग्वेज को हल्का-हल्का कॉपी करो। अगर वो हाथ जोड़कर बात कर रहा है, तो तू भी ऐसा कर। अगर वो हँस रहा है, तो तू भी हल्का मुस्कुरा। एक बार मैंने अपने बॉस से बात करते वक्त ये ट्राई किया – वो कुर्सी पे पीछे झुककर बात कर रहा था, मैंने भी वैसा ही किया। वो रिलैक्स हो गया और बोला, “तुझसे बात करके अच्छा लगता है।”
ये ट्रिक साइंटिफिक है – लोग उनसे मिलते-जुलते लोगों से कनेक्ट फील करते हैं। इससे तेरा डर भी कम होगा, क्यूँकि तुझे कुछ नया बोलने का प्रेशर नहीं रहेगा।
ट्राई करो: अगली बार किसी से बात करते वक्त उनकी पोज़िशन कॉपी करो – अगर वो हाथ हिलाए, तो तू भी हल्का हिला। देखो मज़ा आएगा।
7) गलती करने से मत डरो – ये नॉर्मल है

कनेक्शन बनाते वक्त सबसे बड़ा डर ये होता है कि “कहीं कुछ गलत ना बोल दूँ।” लेकिन सच बताऊँ, गलती करना नॉर्मल है। एक बार मैंने एक लड़की से बात शुरू की और गलती से उसका नाम भूल गया। मैंने कहा, “अरे, सॉरी, तेरा नाम फिर से बता ना?” वो हँसी और बोली, “कोई बात नहीं, मैं भी नाम भूल जाती हूँ!” उस दिन से हम अच्छे दोस्त बन गए।
गलती हो तो हँस दो, सॉरी बोल दो – लोग उसे दिल पे नहीं लेते। डर को छोड़ दो, क्यूँकि परफेक्ट बनने की ज़रूरत नहीं है।
ट्राई करो: अगली बार कुछ गलत बोल दो, तो हँसकर बोलो, “अरे, मैं तो बेवकूफी कर बैठा!” फिर बात आगे बढ़ाओ।
कुछ मज़ेदार एक्स्ट्रा टिप्स
- अजीब सवाल पूछो: “अगर तुझे एक दिन के लिए सुपरपावर मिले, तो क्या करेगा?” ये बात को मज़ेदार और यादगार बनाता है।
- कंप्लीमेंट दो: “तेरी शर्ट तो कमाल की है, कहाँ से ली?” लोग तारीफ सुनकर खुलते हैं।
- गेम खेलो: ग्रुप में हो तो बोलो, “चलो, सब एक-एक मज़ेदार बात बताओ।” इससे सब कनेक्ट होंगे।
डर को अलविदा कहो, कनेक्शन को हाय बोलो
भाई, लोगों से कनेक्शन बनाना कोई पहाड़ चढ़ने जैसा काम नहीं है। ये 7 तरीके – छोटी शुरुआत, स्माइल, सुनना, कॉमन चीज़, मज़ाक, मिरर मैजिक, और गलती से ना डरना – तुझे बिना डरे किसी से भी जोड़ देंगे। मैंने इन सबको अपनी ज़िंदगी में ट्राई किया है। एक बार मैंने “मिरर मैजिक” यूज़ करके अपने नए कलीग से बात शुरू की, और वो बोला, “तुझसे बात करके लगता है कि हम पहले से जानते हैं।”
तो आज से शुरू कर। अगली बार जब किसी से मिले, इनमें से एक टिप ट्राई कर। डर को दरवाज़े पे छोड़, और देख कि लोग तुझसे कनेक्ट करने को तैयार हैं। बातों से दोस्ती बनेगी, और ज़िंदगी मज़ेदार हो जाएगी।
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