
कम्युनिकेशन – यानी बात करना – ये तो हम सब की ज़िंदगी का हिस्सा है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बोलते वक्त गला सूख जाता है, हाथ-पैर काँपने लगते हैं, और दिमाग में बस एक सवाल चलता है – “क्या बोलूँ? कहीं गलत ना हो जाए!” मैं भी पहले ऐसा ही था। एक बार कॉलेज में प्रेजेंटेशन देना था, और मैं इतना हेजिटेट कर रहा था कि पहला वाक्य बोलते वक्त मेरी आवाज़ फट गई। सब हँस पड़े, और मैं शर्मिंदगी से पानी-पानी हो गया। लेकिन उस दिन से मैंने ठान लिया कि इस हेजिटेशन को खत्म करना है।
अच्छी खबर ये है कि कम्युनिकेशन में हेजिटेशन कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो खत्म ना हो सके। थोड़ी सी प्रैक्टिस और सही तरीकों से तू इसे भगा सकता है। आज मैं तुम्हें 6 ऐसे प्रैक्टिकल तरीके बताऊँगा, जिनसे तू बिना हिचकिचाहट के बात कर सकेगा – चाहे वो दोस्तों से हो, बॉस से, या किसी अनजान से। कुछ मज़ेदार और यूनिक टिप्स भी डालूँगा, तो चलो, हेजिटेशन को अलविदा कहते हैं!
1) छोटे-छोटे कदम उठाओ – धीरे-धीरे शुरू करो

हेजिटेशन को खत्म करने का पहला नियम है – एकदम से बड़ा रिस्क मत लो। अगर तुझे लगता है कि तू ग्रुप में बोल नहीं पाता, तो पहले एक इंसान से बात शुरू कर। मैंने अपने हेजिटेशन को ऐसे तोड़ा – पहले अपने दोस्त से रोज़ 2-3 मिनट बात करने की प्रैक्टिस की। बस “आज क्या किया?” या “कैसा रहा दिन?” से शुरू किया। धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस बढ़ा, और अब मैं ग्रुप में भी खुलकर बोल लेता हूँ।
तो छोटी शुरुआत कर – किसी से “हाय” बोलो, या “आज मौसम अच्छा है ना?” कहो। इससे दिमाग को लगेगा कि बात करना कोई बड़ी बात नहीं है।
ट्राई करो: आज किसी से सिर्फ एक लाइन बोलो – “कैसा चल रहा है?” फिर देखो कितना आसान लगता है।
2) अपने डर को समझो – उसका मुकाबला करो

हेजिटेशन अक्सर डर की वजह से आता है – “लोग क्या सोचेंगे?” या “कहीं हँसी ना उड़े।” इसे खत्म करने के लिए पहले ये समझ कि तेरा डर क्या है। मेरे लिए डर था कि लोग मुझे जज करेंगे। एक बार मैंने अपने दोस्त से कहा, “मुझे लगता है कि मैं ढंग से बोल नहीं पाता।” उसने बोला, “अरे, सबको अपनी बात कहने में टाइम लगता है, तू टेंशन मत ले।” उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मेरा डर बेवजह था।
अपने डर को लिखो – “मुझे ये डर है कि…” फिर सोचो, क्या सच में ऐसा होगा? ज़्यादातर बार जवाब “नहीं” ही होगा।
ट्राई करो: एक कागज़ पर अपना डर लिखो और उसका जवाब दो। जैसे, “लोग हँसेंगे” – “नहीं, वो मेरी बात सुनेंगे।”
3) प्रैक्टिस करो – अकेले में बोलो

कम्युनिकेशन में हेजिटेशन खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है प्रैक्टिस। लेकिन ग्रुप में बोलने से पहले अकेले में शुरू करो। मैं रोज़ सुबह शीशे के सामने खड़ा होकर बोलता था – “हाय, मैं आज कुछ बताना चाहता हूँ…” पहले अजीब लगा, लेकिन धीरे-धीरे आवाज़ में कॉन्फिडेंस आया। एक बार तो मैंने अपने कुत्ते से बात की, “भाई, तू मेरा प्रेजेंटेशन सुन!” वो बस पूँछ हिलाता रहा, पर मुझे मज़ा आया।
अकेले बोलने से तेरा दिमाग तैयार होता है, और हिचकिचाहट कम होती है। कुछ भी बोलो – अपनी स्टोरी, कोई गाना, या जो मन में आए।
ट्राई करो: आज 2 मिनट शीशे के सामने खड़े होकर कुछ बोलो। जैसे, “मेरा दिन ऐसा रहा…”
4) साँस पर कंट्रोल करो – हेजिटेशन का ब्रेक लगाओ

जब हम हेजिटेट करते हैं, तो साँस तेज़ चलने लगती है, और बोलते वक्त आवाज़ काँपती है। इसे कंट्रोल करने के लिए साँस लेने की ट्रिक यूज़ करो। मैंने एक बार पब्लिक स्पीकिंग से पहले 5 गहरी साँसें लीं – धीरे-धीरे अंदर, धीरे-धीरे बाहर। मेरा दिमाग शांत हुआ, और मैं बिना रुकावट बोला।
साँस लेने से बॉडी रिलैक्स होती है, और दिमाग को ऑक्सीजन मिलती है। इससे हेजिटेशन अपने आप कम हो जाता है।
ट्राई करो: बोलने से पहले 3 गहरी साँसें लो – 4 सेकंड अंदर, 4 सेकंड बाहर। फिर बात शुरू करो।
5) मज़ेदार ट्विस्ट डालो – “3 वर्ड्स गेम”

अब ये मेरा एक यूनिक तरीका है, जो मैंने खुद ट्राई किया। इसे मैं “3 वर्ड्स गेम” कहता हूँ। जब भी तुझे लगे कि तू हेजिटेट कर रहा है, तो अपनी बात को सिर्फ 3 शब्दों में शुरू कर। मसलन, मैंने अपने बॉस से कहा, “सर, एक सवाल।” वो बोले, “हाँ, बोलो।” फिर मैंने पूरा सवाल पूछा। ये 3 शब्द मुझे स्टार्टिंग देने के लिए काफी थे, और हेजिटेशन टूट गया।
ये ट्रिक दिमाग को सिम्पल रखती है – तुझे बस 3 शब्द सोचने हैं, बाकी अपने आप आ जाता है।
ट्राई करो: अगली बार किसी से बात शुरू करने के लिए 3 शब्द यूज़ करो। जैसे, “हाय, कुछ पूछूँ?”
6) गलती को हँसी में उड़ाओ – डर को भूल जाओ

हेजिटेशन का सबसे बड़ा कारण है गलती का डर। लेकिन सच बताऊँ, गलती करना नॉर्मल है। एक बार मैंने अपने दोस्त से बात करते वक्त गलत नाम ले लिया – “अरे राहुल, तू…” वो बोला, “मैं रोहन हूँ!” मैं हँस पड़ा और बोला, “सॉरी भाई, दिमाग घूम गया!” वो भी हँसा, और बात आगे बढ़ गई।
गलती हो तो उसे सीरियस मत लो – हँस दो, सॉरी बोल दो। लोग उसे भूल जाते हैं, और तेरा कॉन्फिडेंस बढ़ता है।
ट्राई करो: अगली बार कुछ गलत बोलो तो हँसकर बोलो, “अरे, मैं तो फिसल गया!” फिर बात आगे बढ़ाओ।
कुछ एक्स्ट्रा मज़ेदार टिप्स
- अजीब सवाल पूछो: “अगर तुझे एक दिन के लिए सुपरपावर मिले, तो क्या करेगा?” ये हेजिटेशन भगाने के साथ बात को मज़ेदार बनाता है।
- खुद से बात करो: दिन में 5 मिनट खुद से बोलो – “आज मैं ये करूँगा…” इससे बोलने की आदत पड़ती है।
- स्माइल डालो: बोलते वक्त हल्की स्माइल रखो – इससे कॉन्फिडेंस भी आएगा और हेजिटेशन भी कम होगा।
हेजिटेशन को कहो बाय-बाय
भाई, कम्युनिकेशन में हेजिटेशन कोई पहाड़ नहीं है – ये बस एक छोटी सी रुकावट है, जिसे तू इन 6 तरीकों से हटा सकता है – छोटी शुरुआत, डर को समझना, प्रैक्टिस, साँस कंट्रोल, 3 वर्ड्स गेम, और गलती को हँसी में लेना। मैंने इन सबको अपनी ज़िंदगी में ट्राई किया। एक बार मैंने “3 वर्ड्स गेम” यूज़ करके अपने टीचर से सवाल पूछा, और वो बोले, “तुझमें बहुत सुधार आया है।”
तो आज से शुरू कर। अगली बार जब बात करने में हिचक हो, इनमें से एक टिप ट्राई कर। धीरे-धीरे तेरा कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, और लोग तेरी बात सुनने को तैयार रहेंगे। हेजिटेशन को अलविदा बोल, और कम्युनिकेशन का मज़ा ले!