
रिलेशनशिप में प्यार, भरोसा, और समझ जितनी ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है गुस्से को कंट्रोल करना। एक बार गुस्सा आ जाए, तो बात छोटी से बड़ी हो जाती है, और जो रिश्ता प्यारा लगता था, वो बोझ बनने लगता है। मैंने भी अपनी ज़िंदगी में कई बार गुस्से की वजह से रिश्तों में तनाव देखा है। एक बार तो अपने दोस्त से ऐसी बहस हो गई कि हफ्तों बात नहीं हुई। बाद में सोचा – अगर उस वक्त गुस्सा कंट्रोल कर लिया होता, तो शायद इतना ड्रामा ना होता।
तो आज हम बात करेंगे कि रिलेशनशिप में गुस्सा कैसे कंट्रोल करें। ये कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन 6 आसान तरीके हैं, जो सच में काम करते हैं। इन्हें ट्राई करो, और देखो कैसे तुम्हारे रिश्ते में शांति बनी रहती है।
1) गुस्सा आने पर रुक जाओ – साँस लो, चुप रहो

गुस्सा आना नॉर्मल है, लेकिन उसे बाहर निकालने से पहले एक पल रुकना बहुत बड़ा चेंज ला सकता है। मेरा एक दोस्त है, जो जब भी गुस्सा होता था, 10 तक गिनता था। पहले मुझे हँसी आती थी, लेकिन एक दिन मैंने ट्राई किया। मेरी बहन से कुछ बहस हो रही थी, मैंने गिनना शुरू किया – 1, 2, 3… और पता नहीं कैसे, 10 तक पहुँचते-पहुँचते गुस्सा ठंडा पड़ गया।
जब गुस्सा आए, तो बस रुक जाओ। 5-10 गहरी साँसें लो, या थोड़ी देर चुप रहो। ये छोटा सा ब्रेक तुम्हें सोचने का मौका देगा कि क्या बोलना है, और क्या नहीं। इससे गुस्सा बाहर निकलने की बजाय अंदर ही शांत हो जाएगा।
ट्राई करो: अगली बार गुस्सा आए, तो 10 तक गिनो या 5 गहरी साँसें लो। देखना, दिमाग अपने आप कूल हो जाएगा।
2) जगह दो – खुद को और सामने वाले को

रिलेशनशिप में जब गुस्सा चढ़ता है, तो कई बार लगता है कि अभी सब कुछ सॉल्व करना है। लेकिन सच ये है कि कभी-कभी थोड़ी सी जगह सब ठीक कर देती है। एक बार मेरे पार्टनर के साथ छोटी सी बात पर बहस हो गई। मैंने सोचा, अभी सब क्लियर कर दूँगा। लेकिन जितना बोला, उतना गुस्सा बढ़ता गया। फिर मैंने कहा, “मुझे थोड़ा टाइम चाहिए,” और बाहर टहलने चला गया। आधे घंटे बाद लौटा, तो दोनों का दिमाग शांत था, और बात प्यार से सुलझ गई।
जगह देने का मतलब रिश्ता तोड़ना नहीं है। बस थोड़ा सा स्पेस दो – खुद को भी, और सामने वाले को भी। टहल लो, पानी पियो, या कुछ देर अकेले बैठो। जब दिमाग ठंडा होगा, तो बातचीत आसान हो जाएगी।
ट्राई करो: गुस्सा आए तो 10-15 मिनट के लिए दूसरी जगह चले जाओ। फिर बात करो, फर्क दिखेगा।
3) गुस्से की वजह समझो – अंदर झाँको

कई बार गुस्सा उस बात की वजह से नहीं होता, जो सामने वाला बोलता है। असली वजह कुछ और होती है – शायद थकान, स्ट्रेस, या कोई पुरानी बात। एक बार मैं अपने दोस्त पे चिल्ला पड़ा, क्यूँकि उसने मुझसे कहा, “तू हमेशा लेट रहता है।” मुझे गुस्सा आया, लेकिन बाद में सोचा – मैं उस दिन ऑफिस में परेशान था, और वो गुस्सा उसपे निकल गया।
तो जब गुस्सा आए, तो एक सवाल पूछो – “मुझे गुस्सा क्यों आ रहा है?” क्या ये सच में सामने वाले की गलती है, या मेरा मूड खराब है? जब वजह समझ आ जाएगी, तो गुस्सा कंट्रोल करना आसान हो जाएगा।
ट्राई करो: गुस्सा आने पर 2 मिनट रुककर सोचो – “ये गुस्सा असल में किस बात का है?” जवाब मिलेगा, तो कंट्रोल आसान हो जाएगा।
4) प्यार से बात करो – गुस्से को हँसी में बदल दो

गुस्सा कंट्रोल करने का सबसे प्यारा तरीका है – बात को प्यार या मज़ाक में मोड़ देना। एक बार मेरी मम्मी मुझसे नाराज़ थीं, क्यूँकि मैंने घर का काम नहीं किया। वो बोल रही थीं, “तू कुछ करता ही नहीं!” मैंने गुस्सा होने की बजाय हँसते हुए कहा, “मम्मी, मैं तो आपका फेवरेट हेल्पर हूँ, बस थोड़ा लेट स्टार्ट करता हूँ।” वो भी हँस पड़ीं, और गुस्सा गायब हो गया।
जब गुस्सा आए, तो थोड़ा सॉफ्ट टोन यूज़ करो। कोई प्यारी बात बोलो, या हल्का सा मज़ाक करो। इससे माहौल हल्का हो जाता है, और रिश्ते में प्यार बना रहता है। लेकिन ध्यान रखो – मज़ाक ऐसा हो जो सामने वाले को बुरा ना लगे।
ट्राई करो: गुस्सा आए तो एक प्यारी सी बात बोलो, जैसे “अरे, तू तो मेरा फेवरेट है, गुस्सा मत कर।” देखो, मूड कैसे बदलता है।
5) अपनी बात “मैं” से शुरू करो

जब रिलेशनशिप में कुछ गलत लगता है, तो हम अक्सर सामने वाले को ब्लेम करते हैं – “तू हमेशा ऐसा करता है!” या “तू कभी मेरी नहीं सुनता!” इससे गुस्सा और बढ़ता है। इसके बजाय अपनी फीलिंग्स को “मैं” से बोलो। मसलन, “मुझे बुरा लगता है जब मेरी बात नहीं सुनी जाती।”
एक बार मैंने अपने दोस्त से कहा, “मुझे लगता है कि तू मेरे प्लान्स को सीरियसली नहीं लेता।” उसने तुरंत सॉरी बोला और बात बन गई। जब तुम “मैं” से शुरू करते हो, तो सामने वाला डिफेंसिव नहीं होता और गुस्सा कम रहता है।
ट्राई करो: अगली बार कुछ कहना हो, तो “तू” की जगह “मुझे ऐसा लगता है” से शुरू करो। फर्क देखना।
6) सामने वाले की बात समझने की कोशिश करो

गुस्सा अक्सर तब आता है जब हमें लगता है कि सामने वाला हमें गलत समझ रहा है। लेकिन क्या हम उनकी बात समझने की कोशिश करते हैं? एक बार मेरे दोस्त ने प्लान कैंसिल कर दिया, और मैं गus्सा हो गया। बाद में उसने बताया कि उसकी माँ की तबीयत खराब थी। मुझे शर्मिंदगी हुई कि मैंने बिना सुने रिएक्ट कर दिया।
जब तुम सामने वाले की नज़र से चीज़ों को देखते हो, तो गुस्साअपने आप कम हो जाता है। उनकी फीलिंग्स को समझने की कोशिश करो, सवाल पूछो, और शांति से बात करो।
ट्राई करो: गुस्साआए तो पहले पूछो, “ऐसा क्यों हुआ, मुझे समझा दे।” फिर जवाब सुनो और रिएक्ट करो।
आखिरी बात – गुस्सा कंट्रोल करना एक स्किल है
रिलेशनशिप में गुस्सा कंट्रोल करना कोई एक दिन का काम नहीं है। ये एक स्किल है, जो प्रैक्टिस से बेहतर होती है। हर बार जब तुम इन तरीकों को ट्राई करोगे, तुम्हें खुद पे ज़्यादा भरोसा आएगा और रिश्ते में भी शांति बनी रहेगी। गुस्सा कम होगा तो प्यार, रिस्पेक्ट, और समझ अपने आप बढ़ेगी।
तो आज से शुरू करो – अगली बार जब गुस्सा आए, इनमें से एक तरीका आज़माओ। धीरे-धीरे ये तुम्हारी आदत बन जाएगा, और तुम्हारे रिश्ते पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत हो जाएँगे।
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